नवीन चन्दोला- थराली/चमोली।
आज सोमवार को मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के स्थानीय नेताओं ने केंद्र सरकार की घोर जन विरोधी बजट प्रस्तावों के विरुद्ध वामपंथी पार्टियों के द्वारा वैकल्पिक बजट प्रस्ताव के सम्बन्ध में तहसील मुख्यालय में धरना देकर ज्ञापन दिया।
ज्ञापन में माकपा नेताओं का कहना हैं कि सरकार ऐसा बजट प्रस्ताव पारित करती जिससे रोजगार पैदा करने तथा लोगों के लिए न्यूनतम मजदूरी सुनिश्चित करने में मदद मिलती, इस से जनता के हाथों में क्रय शक्ति के बढ़ने से अर्थव्यवस्था में बढ़ोत्तरी होती और जनता की समस्या को हल किया जाता, किंतु सरकार सार्वजनिक खर्चों तक में कटौती कर अमीरों को रियायतें देने के जरिए अर्थव्यवस्था को उत्प्रेरित करने के लिए दिवा स्वप्न दिखा रही हैं।
ज्ञापन में कहना है खाद्य सब्सिडी, कृषि व सहायक गतिविधियों शिक्षा, स्वास्थ्य ग्रामीण विकास, समाज कल्याण, व शहरी विकास पर खर्च नहीं बढ़ाया गया हैं, यह बजट निजी निवेश को बढ़ावा देने, सार्वजनिक परिसंपत्तियों को निजी क्षेत्र की चाकरी में लगाने और सरकारी सम्पत्ति का निजीकरण करने के लिए और धन कुबेरों तथा बड़े कॉर्पोरेट घरानों के लिए बड़ी उदारता व आम जनता के लिए अंगूठा दिखाने का है।
केंद्र सरकार के इस जन विरोधी संघीय बजट के खिलाफ 14 फरवरी से 20 फरवरी तक हफ्ते भर के वामपंथियों के द्वारा राष्ट्रव्यापी अभियान के तहत तथा वामपंथी पार्टियों के वैकल्पिक बजट प्रस्तावों को वित्त विधेयक में शामिल किया जाए,इस अपेक्षा से आज सोमवार को थराली तहसील मुख्यालय पर पार्टी के स्थानीय नेतृत्व ने धरना प्रदर्शन के माध्यम से निम्न मांग की है,
देश के अरबपतियों पर चार प्रतिशत संपदा कर लगाया जाए और कॉरपोरेट टैक्स बढ़ाया जाए। कृषि उत्पादों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी दी जाए और नेशनल पॉलिसी फ्रेमवर्क ऑन एग्रीकल्चर मार्केटिंग के मसौदे को वापस लिया जाए।सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों के निजीकरण और सार्वजनिक परिसंपत्तियों के राष्ट्रीय मोनेटाइजेशन पाइपलाइन के जरिए निजी क्षेत्र के हवाले को रोका जाए। बीमा क्षेत्र में 100% प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को वापस लिया जाए। मनरेगा की आवंटन धनराशि में 50 फीसदी बढ़ोतरी की जाए। शहरी रोजगार गारंटी कानून लाया जाए। वृद्धावस्था पेंशनों तथा अन्य सामाजिक सुरक्षा लाभों के लिए केंद्र से प्रावधान बढ़ाया जाए। स्वास्थ्य के लिए आवंटन बढ़ाकर जीडीपी तीन फिसदी और शिक्षा के लिए आवंटन जीडीपी का 6 फीसदी किया जाए। खाद्य सब्सिडी बढ़ाई जाए ताकि सार्वजनिक वितरण प्रणाली को मजबूत किया जा सके। अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति सेक्टर के लिए और महिलाओं और बच्चों के विकास के लिए आवंटन में उल्लेखनीय बढ़ोतरी की जाए।आईसीडीएस के लिए आवंटन बढ़ाना भी शामिल है। योजना कर्मियों के मानदेय में केंद्र सरकार का हिस्सा बढ़ाया जाए। राज्यों के लिए फंड के हस्तांतरण और केंद्र प्रायोजित योजनाओं के लिए फंड में उल्लेखनीय रूप से बढ़ोतरी की जाए। पेट्रोलियम उत्पादों पर उन करों तथा संचार को निरस्त किया जाए जो राज्य के साथ बंटवारे के लिए नहीं आते हैं।
इस अवसर पर ललित मिश्रा स्थानीय सचिव, जिला सचिव मदन मिश्रा, सदस्य प्रेम शर्मा, जगमोहन बुटोला, देवराम वर्मा, नन्दन आर्या, धर्म सिंह, बीरेंद्र सिंह, बाली राम, बलवंत सिंह, जयवीर सिंह, कुन्दन परिहार आदि लोग उपस्थित रहे।

