बेतालेश्वर महादेव मंदिर थराली के महंत रजनिशानंद गिरि महाराज को साधु-संतों ने दी समाधि, बड़ी संख्या में लोग श्रद्धांजलि देने पहुंचे।


नवीन चन्दोला- थराली/चमोली।

पंचदश नाम जूना अखाड़ा बेतालेश्वर महादेव मंदिर थराली के महंत रजनिशानन्द गिरी महाराज ने लम्बी बीमारी के बाद उपचार के दौरान पी.जी. आई.हास्पिटल चंडीगढ़ में सोमवार प्रातः शरीर त्याग दिया, वे गुर्दों की बीमारी से जूझ रहे थे, वे 53 वर्ष के थे।

चंडीगढ़ P G I हास्पिटल में लगभग दो माह से रजनीशानंद गिरी महाराज का उपचार चल रहा था, इस दौरान उनका आपरेशन भी हो गया था और आजकल कीमोथेरेपी चल रही थी, गंभीर रोग के चलते उन्होंने शरीर त्याग दिया था।

आज मंगलवार को दूर- दूर से पहुंचे साधु-संतों ने उन्हें समाधि दी,इस अवसर पर थराली बाजार भी लगभग 11 बजे तक बंद रहा,इस दौरान बड़ी संख्या में उनके उपासक उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए पहुंचे।

ठाकुर शौर्य प्रताप सिंह रावत ने बताया चैत्र शुक्ल पक्ष 2082 में दशमी दिवस के दिन थराली आश्रम के श्री महंत रजनिशानंद गिरी जी महाराज ब्रह्मलीन हो गए थे, महाराज जी 35 वर्षों से थराली की जनता को आध्यात्मिकता से सींच रहे थे, उसके साथ-साथ इस संपूर्ण पिंडर घाटी को आध्यात्मिक, मानसिक क्षति भी हुई है,महाराज जी के ब्रहालीन होने से भक्तों में काफी दुख है, और सभी लोग शोकाकुल है, महाराज जी के आशीर्वाद से 24 तारीख को सभी भक्तजन ज्यादा से ज्यादा पहुंचने का कष्ट करें।

सामाजिक कार्यकर्ता गंगा सिंह बिष्ट ने बताया रजनीशानंद गिरी जी महाराज सन 1986 में थराली नगर में पहुंचे थे, तब उनकी उम्र लगभग 12 साल की रही थी, और अभी 53 साल की उम्र में उन्होंने देह त्याग दिया हैं व समाधि ले ली है, थराली नगर क्षेत्र के लिए उनके द्वारा बहुत बड़े कार्य किए है, जिसमें पंच पुराण, अष्टादस पुराण और लगभग 53 भागवत कथाएं, राम लीलाएं, अनेक प्रकार के धार्मिक कार्य उनके द्वारा किए गए और यहां पर हर वर्ष छड़ी यात्रा, साधु संतों के लिए उनके अपार प्रेम और क्षेत्रवासियों में अपने भक्तों के ऊपर भी उनकी असीम कृपा सदा बनी रहती थी जिसके कारण आज भारी संख्या में यहां पर लोग उनकी समाधि में पहुंचे और उन्हें अश्रुपुर्ण विदाई दी।

आज पुष्करराज गिरी जूना अखाड़ा बागनाथ मंदिर, महंत विजय गिरी गंगोत्री मंदिर,महंत महेश गिरी कुलाऊं मंदिर,महंत जमुना गिरी बागेश्वर,दयाकिशन गिरी प्रकटेश्वर महादेव गरुड़,सुरेशानंद गिरी रूद्रप्रयाग कोटेश्वर महादेव,नरेन्द्र गिरी पिनाकेश्वर महादेव मंदिर कौसानी,राजेश गिरी सिद्धेश्वर महादेव मंदिर गरुड़,महंत भगीरथ गिरी दिव्येश्वर मंदिर गागरीगोल,महंत रामदेव गिरी पिंगलेश्वर महादेव मंदिर गरुड़,स्वामी बालगोपालानंद सरस्वती क्षेत्रपाल मंदिर सोमेश्वर,मंहत अमरपुरी काली मंदिर सर्पगांव सोमेश्वर,मंहत मदन गिरी बागनाथ मंदिर बागेश्वर,मंहत चितांबर गिरी कुरूक्षेत्र हरियाणा,विद्यानंद गिरी बबलेश्वर महादेव मंदिर बगोली,सुधानंद महाराज कोटेश्वर महादेव मंदिर गगास रानीखेत,रतन गिरी चंद्रेश्वर महादेव मंदिर माला सोमेश्वर,राघवेन्द्र गिरी लंकेश्वर महादेव मंदिर गंगोलीहाट पिथौरागढ़ आदि साधु-संतों ने उन्हें समाधि दी।

उनके निधन की खबर से थराली क्षेत्र में शोक की लहर छा गई, विधायक भूपाल राम टम्टा, थानाध्यक्ष पंकज कुमार,गंगा सिंह बिष्ट,बलराम बहुगुणा, शौर्य प्रताप सिंह,देवी दत्त उनियाल, प्रेम सिंह कुंवर,भूधर नेगी,प्रेम बुटोला, कुंवर सिंह रावत,भगवती प्रसाद , व्यापार संघ अध्यक्ष संदीप रावत,नगर पंचायत अध्यक्ष सुनीता रावत, विनोद चंदोला, सुरपाल सिंह रावत, विनोद रावत,अब्बल सिंह, मंजीत पिमोली, अनिल देवराड़ी,कृष्णपाल गुसाई,प्रेम बल्लभ देवराड़ी,नरेंद्र भारती, दिवाकर नेगी,गिरीश चमोला, आदि लोगों ने शोक व्यक्त किया।