सिद्धपीठ देवराड़ा को राजजात यात्रा मानचित्र व पर्यटन से जोड़ने की माँग।

नवीन चन्दोला-थराली/चमोली।

नंदा देवी सिद्धपीठ देवराड़ा मंदिर समिति के अध्यक्ष भुवन चंद्र हटवाल ने तहसीलदार अक्षय पंकज के माध्यम से जिलाधिकारी चमोली को ज्ञापन देकर नंदा देवी राजजात यात्रा के अंतिम पड़ाव देवराड़ा को यात्रा पड़ाव घोषित करने तथा राजजात यात्रा मानचित्र में दर्शाने सहित सिद्धपीठ देवराड़ा में रेन शेड व चहारदीवारी निर्माण, सिद्धपीठ देवराड़ा में अतिरिक्त कक्ष निर्माण,लोल्टी में सिद्धपीठ देवराड़ा मंदिर के भव्य प्रवेश द्वार का निर्माण, धारी नामक स्थान से सिद्धपीठ देवराड़ा मंदिर तक सड़क निर्माण, पेयजल व विद्युत व्यवस्था,तुंगेश्वर में मां दक्षिणेश्वरी काली मंदिर का सौंदर्यीकरण व प्रवेश द्वार का निर्माण के साथ ही रास्तों के निर्माण की माँग की है।

उन्होंने कहा कि बधाण की नंदा भगवती की उत्सव डोली परंपरा अनुसार 6 माह के लिए सिद्धपीठ देवराड़ा मंदिर में विराजमान होती है, यहां नंदा देवी का ननिहाल कहलाया जा जाता है, साथ ही यहां पर देवी के दर्शनों के लिए हजारों की संख्या देशी- विदेशी भक्तों का आना-जाना लगा रहता है, परन्तु सुविधाओं के अभाव के कारण देवी भक्तों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता हैं, उन्होंने बताया यहां नंदा देवी राजजात यात्रा का अंतिम पड़ाव है, लेकिन शासन – प्रशासन द्वारा अभी तक इस स्थान को पड़ाव घोषित नहीं किया गया, जिस कारण अन्य पड़ावों की तरह मिलने वाली सुविधाओं से वंचित रहना पड़ रहा है, साथ ही इस स्थान को पड़ाव मानचित्र में भी नहीं दर्शाया गया हैं, जिस कारण देवी भक्तों में रोष बना हुआ है।

उन्होंने ज्ञापन में वर्ष 2026 में होने वाली हिमालयी महाकुंभ नंदा राजजात से पूर्व सिद्धपीठ देवराडा को पड़ाव घोषित करने तथा पर्यटन मानचित्र में दर्शाने की मांग की है।

ज्ञापन मे अध्यक्ष भुवन हटवाल, अब्बल सिंह गुसाईं,त्रिलोक सिंह, केदार पंत, महिपाल भंडारी,मोहन सिंह, बचुली देवी, तेजपाल गुसाई,खिलाप सिंह ढौंडियाल, पुष्कर सिंह, मोहन सिंह आदि लोगों के हस्ताक्षर है।