नवीन चन्दोला- नारायणबगड़/ चमोली।
आज शनिवार को पजल लोक साहित्य द्वारा गढ़वाली भाषा के संवर्द्धन हेतु कवि सम्मेलन एवं गोष्ठी आयोजित की गई, राजकीय आदर्श इंटर कॉलेज नारायणबगड़ के प्रांगण में हजार ग्राम हजार धाम हमारी भाषा हमारी पछयाण को लेकर गढ़वाली भाषा के संवर्द्धन व विकास के उद्देश्य से कवि सम्मेलन व विचार गोष्ठी आयोजित की गई।
इस मौके पर पजल लोक साहित्य जगत एक हजार एक पजल का वर्ल्ड रिकॉर्ड स्थापित कर चुके (जगमोहन सिंह रावत/जगमोरा) ने अवगत कराया कि आज गढ़वाली भाषा की दीन हीन स्थिति के लिए हमें अपनी गढ़वाली भाषा के प्रचार- प्रसार के साथ -साथ उसे शिक्षा जगत में भी स्थान देना होगा, आगे उन्होंने अपनी पुस्तकों का जिक्र करते हुए गढ़वाली पजल का भी वाचन किया।
साहित्य प्रेमी जबर सिंह केंतुरा व शेलांचली (सुशील बड़ाकोटी ने भी गढ़वाली भाषा के विकास पर अपने विचार रखे, साहित्यकार दीवान सिंह नेगी एवं युगराज सिंह रावत ने भी गढ़वाली कविताओं का भी वाचन किया, अपने उद्बोधन में नागेंद्र सिंह रावत ने भी गढ़वाली भाषा के प्रचार- प्रसार की बात कही।
इस मौके पर राजकीय बालिका इंटर कॉलेज नारायणबगड़ की बालिकाओं ने सरस्वती वंदना एवं गढ़वाली भाषा में सुंदर कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी।
कार्यक्रम के संयोजक साहित्यकार अध्यापक मिथलेश सती ने इस दौरान अंग्रेजी केक न काटकर लोगों से गढ़वाली केक काटकर कार्यक्रम का उदघाटन किया, साथ ही गढ़वाली भाषा को संविधान में दर्जा देने की भी बात कही,अंत में समाजसेवियों, विद्यालयी छात्रों को सम्मानित भी किया गया।
